Loan EMI Kya Hai: अपने रोजमर्रा की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों की कई सपने होते हैं जैसे अपना घर गाड़ी एवं जरूरत की तमाम चीजे जिसका सपना हर आदमी आज के समय में देखता है किंतु पैसों की कमी के कारण इन जरूरतमंद चीजों को एकमुश्त खरीदना मुश्किल हो जाता है इसलिए लोगों को अपनी इन जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन की आवश्यकता पड़ती है।
जिसे आप किसी भी बैंक अथवा लोन प्रदान करने वाले ऐप से प्राप्त कर सकते हैं जब भी आप किसी बैंक अथवा ऐप से लोन ले तो इस बात पर जरूर ध्यान रखें कि आपकी EMI क्या है आपको अपनी EMI की पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है क्योंकि कोई भी लोन प्रदान करने वाला बैंक अथवा संस्था अपनी लोन की प्रक्रिया को बहुत व्यवस्थित करती है जिसकी जानकारी आप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
Loan EMI Kya Hai
EMI का अर्थ है – Equated Monthly Instalment. जिसका हिंदी में समान अर्थ है सामान मासिक किस्त। जब भी कोई व्यक्ति किसी बैंक अथवा कंपनी से बड़ी राशि का लोन लेता है और उसे चुकाने के लिए एक निर्धारित समय सीमा का विकल्प चुनता है तो उस व्यक्ति द्वारा लिए गए लोन की मूलराशि पर कुछ ब्याज भी लगता है जिसे लोन प्राप्तकर्ता द्वारा हर महीने एक निर्धारित किस्त भरकर समाप्त किया जाता है इस मासिक किस्त भुगतान को ही EMI कहते हैं। EMI दो प्रकार के होते हैं –
- मूलधन पुनर्भुगतान
- ब्याज
Loan EMI के तरीके:
जब भी कोई व्यक्ति लोन लेता है तो उसे एक निश्चित लोन की राशि मिलती है इस लोन को चुकाने के लिए वह एक निर्धारित समय चुनता है तो इस मूल राशि में समय के साथ ब्याज जुड़ते रहते हैं जो की मूल राशि में जुड़कर आपका मासिक किश्त बनाती हैं और इस मूल राशि सहित ब्याज की भरपाई को ही EMI कहते हैं जब भी हम किसी लोन का भुगतान ईएमआई के माध्यम से करते हैं तो इसके दो तरीके होते हैं –
ऑफलाइन माध्यम: यदि किसी बैंक अथवा संस्था से लोन लेते वक्त अपने ऑफलाइन माध्यम को चुना है तो लोन जमा करने के लिए आपको उस बैंक अथवा संस्था में नजदीकी ब्रांच में जाकर लोन का भुगतान करना होगा।
ऑनलाइन माध्यम: यदि किसी बैंक अथवा संस्था से लोन लेते वक्त अपने ऑनलाइन माध्यम को चुना है तो लोन को जमा करने के लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है लोन की ईएमआई आपके आपके बैंक अकाउंट से ऑटोमेटिक डिडक्ट हो जाती हैं या आप इसका भुगतान अपने क्रेडिट पर डेबिट कार्ड से भी कर सकते हैं।
लोन की अवधि:
जब कोई बैंक अथवा संस्था किसी व्यक्ति को बड़ी राशि का लोन प्रदान करती है तो वह इस लोन की राशि को चुकाने के लिए एक निर्धारित समय देती है अथवा लोन चुकाने की अवधि आपको चुनने के लिए कहती हैं और इस निर्धारित अवधि के अंदर कुछ ब्याज के साथ हमें लोन का भुगतान करना होता है यदि कोई व्यक्ति इस निर्धारित अवधि में लोन राशि का भुगतान नहीं कर पाता है तो उस पर कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है।
लोन कई प्रकार के होते हैं जैसे – कार लोन होम लोन बिजनेस लोन बाइक लोन एजुकेशन लोन गोल्ड लोन आदि। व्यक्ति अपने जरूरत के मुताबिक अपने लिए सही लोन का चयन कर सकते हैं।
बैंक अथवा लोन संस्था के द्वारा आपको लोन की राशि को एक बार में चुकाने का विकल्प भी मिलता है किंतु मूल लोन की मूल राशि बड़ी होने पर यह संभव नहीं हो पाता इसी कारण मासिक किस्त भरना एक बेहतर विकल्प होता है जिसे कोई भी व्यक्ति आसानी से भरकर अपने सपनों को पूरा कर सकता हैं।
नो कॉस्ट EMI क्या है?
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ऐसा EMI जिसमें आपको केवल प्रोडक्ट की कीमत का ही भुगतान करना पड़ता है उसे नो कॉस्ट EMI कहते हैं दूसरे शब्दों में नो कॉस्ट EMI एक ऐसा EMI है जिसमें हमें ब्याज नहीं देना पड़ता है।
उदाहरण: यदि आपने किसी दुकान से एक प्रोडक्ट ₹20000 की किस्त में खरीदा तो आपके चार महीने की नो कॉस्ट EMI 5000 रुपए होगी।
EMI की गणना कैसे करें?
EMI की गणना मासिक आधार पर होती है इसका आकलन हम किसी बैंक का संस्था से लिए हुए लोन की मूल राशि से करते हैं जब हम अपने EMI के लिए मूल राशि का ब्याज दर एवं समय के साथ गणना करते हैं तो प्राप्त अमाउंट हमारी देय EMI होती है।
EMI की गणना निम्नलिखित गणितीय सूत्र के आधार पर को जाती है –
EMI = P × R × (1 + R) ^ n / ((1 + R) ^ n -1) जहां, P = ऋण (Principal) राशि, R = ब्याज दर, जिसकी गणना मासिक आधार पर की जाती है।
FAQs
1. EMI का पूरा नाम क्या है?
EMI का पूरा नाम इक्वेटेड मंथली इंस्टॉलमेंट है जिसका हिंदी में सामान्य अर्थ समान मासिक किस्त है।
2. नो कॉस्ट EMI क्या है?
वह EMI जिसमें कोई भी ब्याज नहीं लगता है और ना ही प्रोसेसिंग फी लगती है इस EMI में केवल आपको लोन की मूल राशि को ही समान किस्तों में देना होता है इसी को नो कॉस्ट EMI कहते हैं।